प्रेम कभी खत्म नही होता, और अगर खत्म हो जाए, तो वो प्रेम नही होता
हिन्दी फीचर फिल्म, विरक्त कथा सार
45 वर्षीय आकाश अकेला रहता है, और उसे नींद ना आने की बीमारी है, उसे अक्सर रात को सपने आते हैं, जिससे वह काफी परेशान हैं, उसे बार-बार यही लगता है कि, कोई जानकी नाम की विधवा औरत, आकाश को उसके अपने गांव वापस बुला रही है, और इसी वजह से वह 25 साल बाद अपने गांव जाने का फैसला करता है, यहां आकर उसे उसके बचपन के मित्र चंदन से ये पता चलता है कि उनका एक और मित्र महेंद्र अब उस इलाके का एक बहुत बड़ा शराब माफिया बन चुका है, ये चीज आकाश को संदेहास्पद लगती है, इसी वजह से आकाश अब महेंद्र के बारे में पता लगाने की फैसला करता है, और इस काम में सबसे पहले उसकी मुलाकात होती है, शबनम से, और शबनम की वजह से 25 सालों बाद, आकाश और महेंद्र एक दूसरे के आमने सामने होते हैं, और फिर खुलती हैं रहस्य की कई परतें जैसे, जानकी और आकाश में क्या संबंध था, जानकी का सूरज का पति लापता कैसे हुआ ? जानकी कहां है? सूरज की जमीन आखिर महेंद्र को कैसे मिली ? आकाश के माता पिता की मौत कैसे हुई ? राम नगर में एक के बाद एक कई सिलसिलेवार मौतों का जिम्मेदार कौन था ?
सार्थक सांस्कृतिक सोसाईटी हिन्दी फीचर फिल्म, विरक्त, सार्थक सांस्कृतिक सोसाईटी एवं सार्यक इंटरटेनमेंट की दूसरी हिन्दी फीचर फिल्म है, इसके पूर्व संस्था एक और हिन्दी फीचर फिल्म, महारिब, बना चुकी है, जो उत्तर प्रदेश की पहली ऐसी हिन्दी फीचर फिल्म है, जिसका संपूर्ण निर्माण कार्य उत्तर प्रदेश में पूरा हुआ है। फिल्म महारिब 2019 में सिनेमा घरों में रीलीज हुई थी, फिल्म, महारिब, की ही भांति फिल्म विरक्त, से जुड़े सभी कलाकार, तकनीशियन सभी उत्तर प्रदेश के है, और इस फिल्म का भी संपूर्ण निर्माण कार्य उत्तर प्रदेश में ही संपूर्ण हुआ है। सार्यक सांस्कृतिक सोसाइटी और सार्थक एंटरटेनमेंट विगत 12 वर्षों से उत्तर प्रदेश में लघु स्तर पर सामाजिक विषयों पर आधारित छोटे बजट की शार्ट फिल्मों, फीचर फिल्मों, वृत्तचित्रों का निर्माण एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से उत्तर प्रदेश में अपनी प्रदेश स्तर की फिल्म इण्डस्ट्री निर्माण की दिशा में कार्यरत है। ताकि प्रदेश के कला जगत से जुड़े लोगो को यहीं रोजगार मिल सके, इसी बात को ध्यान में रखते हुए संस्था द्वारा बनाई गई फिल्मों से जुड़े सभी लोग चाहे वह फिल्म के कलाकार हो, संगीत निर्देशक, गीतकार, गायक या परदे के पीछे के टेक्नीशियन, निर्माता निर्देशक हो सभी उत्तर प्रदेश के स्थानीय कलाकार होते हैं, इसके अलावा फिल्म का पूरी फिल्म की शूटिंग भी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में होती है, फिल्म का प्री प्रोडक्शन और पोस्ट प्रोडक्शन दोनों ही उत्तर प्रदेश में संपन्न होता है। एस के प्रसाद निर्माता, निर्देशक एवं अध्यक्ष सार्थक सांस्कृतिक सोसाईटी एवं लखनऊ के सहारागंज पीवीआर सिनेमा में हिंदी फीचर फिल्म विरक्त रिलीज हुई, फिल्म का पहला शो दर्शकों से खचाखच भरा हुआ था, फिल्म उत्तर प्रदेश में ही बनी है, फिल्म की शूटिंग भी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में हुई है, और फिल्म के समस्त कलाकार उत्तर प्रदेश के है, फिल्म के निर्माता निदेशक, एसके प्रसाद हैं, सह निर्माता, कामरान खान हैं, फिल्म में मुख्य भूमिका में वैभव सिंह, एलीशा सिंह, खुशी सिंह, छितिज सिंह, विजय गुप्ता, अरशद खान, प्रफुल्ल त्रिपाठी, अनुज श्रीवास्तव, संजना मिश्रा, निगहत खान, मुरलीधर आहूजा डॉक्टर देवाशीष शुक्ला शैलेंद्र सिंह.रजनीश गुप्ता.देवेंद्र सिंह. अमित कुमार प्रसाद प्रमुख है. फिल्म की कहानी सूर्यनंद सूर्या कर ने लिखी है, जबकि संगीत राहुल बक्सरिया, सौरभ शर्मा अभिषेक पांडे और ओम प्रसाद का है, गीत, बृजेश शर्मा शहरयार जलालपुरी सूर्यानंद सूर्याकर ने लिखे हैं एवं इन गीतों को श्रेया दीक्षित, राहुल बक्सरिया, आद्या शर्मा, राजकुमार, अभिषेक पांडे ने स्वर दिया है फिल्म के क्रिएटिव डायरेक्टर धनेश दिवाकर है