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चिकित्सा अधिकारियों को सर्पदंश से बचाव व नियंत्रण का दिया प्रशिक्षण।

चिकित्सा अधिकारियों को सर्पदंश से बचाव व नियंत्रण का दिया प्रशिक्षण।



                         संवाददाता संतोष कुमार गुप्ता 


बलरामपुर। गुरुवार को  मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में राष्ट्रीय सर्पदंश नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत चिकित्सा अधिकारियों , स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट, बीसीपीएम का प्रशिक्षण मुख्य चिकित्सा अधिकारी बलरामपुर डॉ मुकेश कुमार रस्तोगी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में राज्य मास्टर ट्रेनर डॉ सौरभ गुप्ता ने प्रजेंटेंशन के माध्यम से सर्पदंश के बचाव व उपचार संबंधी बिंदुओं पर जानकारी देते हुए कहा कि मरीज के लक्षण व सर्पदंश की जानकारी लेकर प्रोटोकॉल अनुसार उपचार किया जाय। उन्होंने बताया कि सांप के काटने के बाद काटने की जगह पर दर्द होना, सूजन आना, फफोला आना, खून का बहना, आँखो एवं मुंह से खून आना, उल्टी एवं मल द्वारा खून आना, त्वचा का रंग बदलना, पसीना आना या लार टपकना, सिरदर्द, चक्कर या आँखों में धुंधलापन आना, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। इस प्रकार के लक्षण होने पर प्रोटोकॉल अनुसार उपचार तुरंत किया जाना सुनिश्चित करें। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि सर्पदंश के मरीज का जितना शीघ्र हो सके उतना शीघ्र मरीज को नजदीकी अस्पताल ले जाना चाहिए। 100 मिनट के भीतर अस्पताल में उचित उपचार करने से मरीज की 100 प्रतिशत बचने की संभावना होती है।इसलिए सर्पदंश के मरीज को बिना समय गवाएं नजदीकी प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर उपचार कराना चाहिए। उन्होंने बताया कि सभी सर्प जहरीले नहीं होते है, कुछ ही सर्प जो जहरीले होते है उनके काटने पर 50 प्रतिशत ही जहर शरीर में जाता है। इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अनिल कुमार चौधरी, जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अरविंद मिश्रा, डीपीएम शिवेंद्र मणि त्रिपाठी, जिला एपिडेमोलॉजिस्ट डॉ श्याम जी श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।

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