हम सब भारत के बाहर रहकर ख़ामोश नहीं बैठ सकते थे क्योंकि भारत हमको जान से प्यारा है
पूरी दुनिया ने देखा है कि मौजूदा सरकार किस तरह समाज में वैमनस्यता बढ़ा रही है. दलितों, पिछड़ो और अल्पसंख्यकों पर लगातार अत्याचार किये जा रहे है देश की संवैधानिक संस्थाओं को गुलाम बना दिया गया है यह सही मायनों में आपातकाल ही है.
यह सरकार महिला विरोधी है एक और प्रधानमंत्री उस सांसद का प्रचार कर रहे है जिसने सैंकड़ों महिलाओं के साथ बलात्कार किया और फिर सरकार ने उसे बचाते हुए विदेश भेज दिया. यह कोई पहला मामला नहीं था इससे पहले भी खिलाड़ियों के यौन शोषण के आरोपी भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह को सरकार ने पूरा संरक्षण दिया और अब तो उनके बेटे को टिकट देकर साफ़ कर दिया कि महिलाओं के प्रति उनकी सोच क्या है.
यह सरकार किसान विरोधी और युवा विरोधी भी है. एक और युवाओ के सपनों को ख़त्म करते हुए अग्निवीर जैसी योजना लायी गयी तो दूसरी तरफ़ किसानों की ज़मीन को उद्योगपतियों को देने की तैयारी की जा रही है किसानों के हितों को ख़त्म करने और उनकी ज़मीन हड़पने के लिये यह सरकार किसानों के लिये यह तीन काले बिल लायी हमारे देश के एक हजार किसानों ने अपनी जान दे दी.
ज़ाहिर है ऐसे दौर में हम सब भारत के बाहर रहकर ख़ामोश नहीं बैठ सकते थे क्योंकि भारत हमको जान से प्यारा है. इसलिये हम सब यहाँ राहुल गांधी और कांग्रेस को मजबूर बनाने के लिये आये है और इसमें आपके भी सहयोग की आशा रखते है.डॉ। मैं पित्रोदा हूंवैश्विक अध्यक्ष, जॉर्ज अब्राहम उपाध्यक्ष, मोहिंदर सिंह गिलजियां अध्यक्ष, हरबचन सिंह प्रधान सचिव, प्रदीप समाला कार्यकारी अध्यक्ष उत्तर-पूर्व क्षेत्र, देविन्दरपाल एस. भुल्लर कार्यकारी अध्यक्ष पश्चिमी तट क्षेत्र, AVINASH DANDIYA अध्यक्ष सोशल मीडिया समिति स्वतंत्र प्रभारी, जॉन जोसेफ उपाध्यक्ष, गुरमित एस. गिल अध्यक्ष अनुशासनात्मक समिति, NIKHIL THAGADUR अध्यक्ष सदस्यता समिति,सोफिया शर्मा महासचिव, गुरिंदरपाल सिंह महासचिव, बलिंदर एस कुंडू महासचिव, संदीप वांगला महासचिव सधन्यवाद मोहिन्दर सिंह, अध्यक्ष, इंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस