Type Here to Get Search Results !

लखनऊ में घर में घुसकर लूट करने वाले तीन गिरफ्तार

 लखनऊ में घर में घुसकर लूट करने वाले तीन गिरफ्तार: एसटीएफ बनकर घर में घुसे थे बदमाश, पैसे के लेनदेन का विवाद आया सामने

लखनऊ में एसटीएफ बनकर घर में घुसकर मारपीट व चोरी करने वाले तीरथ राम यादव, जीतू यादव और योगेश सिंह को देवा रोड टाटा टेल्को ओवरब्रिज से आगे मटियारी के तरफ जाने वाले रोड चिनहट के पास से गिरफ्तार किया। आरोपियों के पास से 10 हजार नकद व 1 अवैध देशी तमंचा 0.


.


पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी जीतू पीड़ित का पुराने परिचित है। दोनों के बीच में पैसे को लेकर विवाद था। जिसके बाद जीतू ने अपने साथियों के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया था। पुलिस घटना में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।


कुशीनगर के रहने वाले आदित्य सिंह एक हफ्ते पहले लखनऊ आया। यहां पर चिनहट स्थित दयाल फॉर्म में रह रहा था। आदित्य ने बताया कि देर रात कुछ बदमाश घर में घुसकर लूटपाट करने लगे।


पिस्टल की बट से वार किया


आदित्य ने बताया कि घर में घुस बदमाश खुद को STF के लोग बता रहे थे। घर में दूसरे कमरे में शो रहे दोस्तों को पिस्टल दिखाकर धमकाया। मेरी सोने की अंगूठी, चेन और जेब में पड़ा कैश ले लिया। अलमारी में रखा कैश भी उठा लिया।


घर से बाहर खींच कर ले गए


उन्होंने बताया कि विरोध करने पर बदमाश मुझे खींचते हुए मकान से बाहर लाए। इस पर चिल्लाकर आस-पास के लोगों को पुलिस को फोन करने को बोला। मुझे कार में डालकर किसान पथ की ओर सुनसान जगह ले गए। खुद को STF का अधिकारी बता रहे एक बदमाश ने मेरा एटीएम और मोबाइल ले लिया। दोनों को चेक किया, लेकिन रुपए नहीं मिलने पर घर वालों से रुपए मंगाने का दबाव बनाने लगा। रुपए नहीं होने पर काफी देर बाद छोड़ दिया।


पुलिस से शिकायत करोगे तो निपटा देंगे


आदित्य ने बताया कि बदमाशों ने छोड़ते वक्त धमकी दी कि अगर पुलिस को बताया तो तुमको जान से मार देंगे। इसके बाद मुझे किसान पथ पर ही छोड़कर भाग गए। पीड़ित ने सुबह थाने में तहरीर दी।


12 दिन पहले ही आया था लखनऊ


आदित्य 29 दिसंबर को लखनऊ में दोस्त के साथ रहने आया था। आदित्य के मुताबिक शहीद पथ पर बदमाशों द्वारा छोड़ने के बाद उसने बाइक टैक्सी बुक कराने का प्रयास किया, लेकिन बुक नहीं हुई। फोन कर दोस्त को बुलाकर घर पहुंचा। उसके बाद पुलिस को सूचना दी।


हत्या और अपहरण का मुकदमा दर्ज


पुलिस के मुताबिक आदित्य पर वर्ष 2020 में हत्या के आरोप में बाल सुधार गृह गया था। इसके बाद साल 2022 में वह अपहरण और मारपीट के आरोप में जेल जा चुका है। वहीं आदित्य के मुताबिक हत्या के मामले में बरी हो चुका है।


फरार आरोपियों के नाम


अंकित यादव, दिव्यांशु सिंह पुत्र दयाशंकर सिंह, रूद्र यादव पुत्र शिवबरन यादव और लकी पुत्र कमलेश की तलाश कर रही है।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.